सांसद मेनका गांधी ने मुख्यमंत्री धामी को पत्र लिख वन विभाग की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। दरअसल, रुड़की में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर कब्जे में लिए थे। इस सेंटर के संचालन की अनुमति दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुकी थी। इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने पत्र लिखा।
रुड़की के ग्राम खंजरपुर में अवैध रूप से संचालित सर्प विष संग्रहण केंद्र के मामले में सांसद व पीपल फाॅर एनिमल संस्था की संस्थापक एवं पूर्व सांसद मेनका गांधी ने वन महकमे की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, एडीजी विजिलेंस को पत्र लिखा है। उन्होंने मामले में हरिद्वार डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने के साथ ही विभाग से हटाने को भी कहा है।
मामले में शासन ने प्रमुख वन संरक्षक वन्यजीव से आख्या मांगी है। 10 सितंबर को रुड़की में वन विभाग की टीम ने छापा मारकर 70 कोबरा और 16 रसल वाइपर कब्जे में लिए थे। इस सेंटर के संचालन की अनुमति दिसंबर 2023 में समाप्त हो चुकी थी। इस मामले में सांसद मेनका गांधी ने जो पत्र भेजा है, उसमें कहा है कि सेंटर के बारे में पूर्व में हरिद्वार वन प्रभाग के डीएफओ, एसडीओ को सूचना दी गई, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई
संग्रहण केंद्र संचालक वेनम और उससे जुड़े अभिलेखों के साथ फरार हो गया। पत्र में कहा कि यह कोई छोटा मामला नहीं है। यह वन विभाग में अत्यधिक भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने संचालक के साथ मिलीभगत का आरोप लगाते हुए डीएफओ, एसडीओ को निलंबित करने की मांग की है। इसके अलावा डीएफओ की संपत्ति की जांच की भी मांग की है।
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