October 16, 2025

महानिदेशक के आदेश से राजकीय शिक्षक संघ में आक्रोश, शिक्षा मंत्री के आवास घेराव करने की दी चेतावनी

अल्मोड़ा। शिक्षकों का अनापत्ति प्रमाणपत्र निरस्त कर उनके विरुद्ध कार्रवाई करने के विद्यालयी शिक्षा महानिदेशक के आदेश पर राजकीय शिक्षक संघ ने आक्रोश व्यक्त किया है। पदाधिकारियों ने कहा कि शिक्षक इस प्रकार के आदेशों से डरने वाले नहींहैं। प्रांतीय कार्यकारिणी के निर्देश प्राप्त होते ही देहरादून में शिक्षा मंत्री के आवास का घेराव किया जाएगा।

जिलाध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल ने कहा कि 18 अगस्त से राजकीय शिक्षक संघ ने प्रधानाचार्य विभागीय सीधी भर्ती परीक्षा निरस्त करने, शत प्रतिशत पदोन्नति, स्थानांतरण के साथ 34 सूत्रीय मांगों के लिए आंदोलनरत है। जिसमें शिक्षक लगातार प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती परीक्षा निरस्त कर पूर्व की भांति पदोन्नति से भरने की मांग कर रहे हैं। इस प्रकार के पत्र जारी कर महानिदेशक शिक्षकों के रोष को बढ़ा रहे हैं। जिससे आंदोलन समाप्त करवाने के बजाय और भी अधिक उग्र होगा। उन्होंने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने पूर्व में जो गलत वारिष्ठताएं निर्धारित की हैं। उनको ठीक करने के बजाय शिक्षकों के विरुद्ध उत्पीड़नात्मक पत्र जारी कर शिक्षकों को डराने का कार्य किया जा रहा हैं।

 

 

 

जिला मंत्री राजू महरा ने कहा कि शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारण का मामला 2012 से न्यायालय में विचाराधीन है। पूर्व में ट्रिब्यूनल द्वारा विभाग को 3 माह में शिक्षकों की वरिष्ठता निर्धारण करने का आदेश दिया गया। लेकिन विभाग ने ट्रिब्यूनल के आदेश पर भी कोई कार्रवाई नहीं की। उन्होंने कहा कि निदेशालय में अधिकारियों की फौज बैठी है इसके बावजूद शिक्षकों की मामलों पर कोई निर्णय नहीं लिया जा रहा है तो ऐसे निदेशालय को बंद कर देना चाहिए।

 

 

 

जिला मंत्री महरा ने कहा कि शिक्षकों की मांगों के निराकरण के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित समिति व संगठन के मध्य वार्ता का क्रम जारी है। वार्ता के बीच में महानिदेशक और निदेशक शिक्षकों को अपने आदेशों के माध्यम से धमकाने का कार्य कर रहे हैं। जबकि शिक्षक अवकाश के दिनों में अपना धरना-प्रदर्शन आयोजित कर रहे हैं। जो कि उनका मूल अधिकार भी है। इस प्रकार के पत्र जारी करने से स्पष्ट होता है कि सरकार वार्ता को विफल करने का प्रयास कर रही है। जो शिक्षकों के प्रति विभाग और सरकार के रवैये को प्रदर्शित करता है।

 

 

 

दोनो पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार को शिक्षकों की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। सरकार इस आंदोलन को जितना अधिक दबाने का प्रयास करेगी।आंदोलन उतना अधिक उग्र होगा। और जब तक शिक्षकों की न्यायोचित मांग पूरी नहीं होती ये आंदोलन चलता रहेगा।

About The Author